सुप्रभात मित्रो । इस्लाम - TopicsExpress



          

सुप्रभात मित्रो । इस्लाम की कुछ प्रमुख एवं हास्यपद बातें : १. खतना : हर मुस्लिम का एक़ कामन पेटेंट ठप्पा होगा होगा अर्थात "खतना" होन अनिवार्य है, इस प्रकिया में नवजात बच्चे के लिंग का अगला हिस्सा उतार दिया जाता है . अब सोचिये जिस धर्म में पैदा होते ही दर्द है उसमे शान्ति कहाँ ? और इस्लाम इसका कोई तर्क भी नहीं दे पाया है की ऐसा क्यों करें ?? २. हर मुस्लिम ४ बीवियां रख सकता है : यानि स्त्री को भोग की वस्तु समझा गया, शुक्रवार के नमाज के बाद रविवार तक आराम , उसके बाद सोमवार से बुध्ध्वार तक समय सारिणी बना लो किस दिन किसके साथ सोना है . ३. नसबंदी हराम है : जम के बच्चे पैदा करो, जहाँ रहो वहाँ बहुल हो जाओ और अलगाव वादी प्रक्रिया शुरू कर दो चाहे चेचन्या हो या कश्मीर . यानी आठ आठ -दस दस बच्चे पैदा करो फिर सरकार से कहो की आरक्षण दो नहीं तो वोट नहीं देंगे . बाबा फेसबुकी का ताण्डवनाद ४. काफिर : जो इस्लाम न माने वो काफिर , और कुरआन काफिरों को क़त्ल करने की इजाजत देता है, यानि जितने भी हिंदू है जो इस्लाम नहीं मानते वो काफ़िर है , यदि उनको मर दिया जाए तो जन्नत नसीब होगी जहाँ ७२ कुँवारी हूरे उनका इन्तजार कर रही होंगी. ५ . जन्नत : काफिरो को मरने पे जन्नत नसीब होगी जहाँ ७२ कुँवारी हूरे उनका इन्तजार कर रही होंगी. ६ . मूर्तिपूजा निषेध : इस्लाम में पत्थर पूजा निषेध है , लेकिन फिर भी काबा के पत्थर में पत्थर मारने होड लगी रहती है . बाबा फेसबुकी का ताण्डवनाद ७. मजहब देश से बड़ा : इनके लिए मजहब हमेशा देश से बड़ा होता है , यदि किसी देश का राष्ट्र गान इनके मजहब के हिसाब से नहीं है तो इनके लिए हराम है और दूसरा उदहारण कश्मीर में पाक के साथ यूध्ध का, जब कश्मीरी इस्लाम सेनाए पाकिस्तान से बस इसलिए मिल गयी क्योकि पकिस्तान एक इस्लाम देश है अपने कौम को किनारे रख के और ये बात पूरा विश्व जानता है शायद इसीलिए मुसलमानों पे कोई भी देश भरोसा करने को तैयार नहीं, इनका दोगलापन देख के , खाते कही और का और सोचते सिर्फ अरब का हैं . ८. हिंदू विरोधी धर्म : इस्नके सारे कांड वैदिक से उलटे होते हैं , चाहे वो लिखना हो या धोना , शायद किसी समय पैर की बजाय सर से भी चलने की कोशिश की होगी (उल्टा करने के चक्कर में ) सो चुन्डी घिस गयी होगी, इसीलिए कोई भी मुसलमान चुन्डी नहीं रखता शर्म के मारे. बाबा फेसबुकी का ताण्डवनाद ९ जिहाद : जिहाद शब्द का जन्म इस्लाम के जन्म के साथ ही हो गया था। जिहाद अरबी का शब्द है जिसका अर्थ है जोइस्लाम न माने उसको समाप्त कर दो "। भारत में पहला आक्रमणकारी मोहम्मद बिन कासिम था जिसने 8वीं शताब्दी में सिंध पर आक्रमण किया था। तत्पश्चात् 11वीं शताब्दी में महमूद गजनवी तथा उसके बाद मोहम्मद गोरी आक्रांता के रूप में भारत आया। इस्लाम ग्रहण करने से पूर्व मध्य एशिया के कबीले आपस में ही मार-काट और लड़ाइयां करते थे। अत्यधिक समृद्ध भारत उनके लिए आकर्षण का केन्द्र था। और जब इन कबीलों ने इस्लाम ग्रहण कर लिया तो इनका उद्देश्य दोहरा हो गया। लूट-पाट करने के साथ- साथ विजित देश में बलपूर्वक इस्लाम का प्रसार करना। इसलिए कहा जाता था कि इस्लाम जहां जाता था-एक हाथ में तलवार, दूसरे में कुरान रखता था। जिहाद से भारत का सम्बंध हजार वर्ष पुराना है। भारत में वर्षों शासन करने वाले बादशाह भी जिहाद की बात करते थे। 13वीं 14वीं शताब्दी के दौरान मुसलमानों के अंदर ही एक अन्य समानांतर धारा विकसित हुई। यह थी सूफी धारा। हालांकि सूफी धारा के अगुआ भी इस्लाम का प्रचार करते थे किन्तु वे प्रेम और सद्भाव से इस्लाम की बात करते थे। किन्तु बादशाहों पर सूफियों से कहीं अधिक प्रभाव कट्टरपंथियों का था। इस्लाम के साथ-साथ जिहाद शब्द और जिहादी मनोवृत्ति को भारत पिछले हजार वर्षों से झेल रहा है। आओ हम सब मिलकर इस हिन्दुस्थान को ..मुल्लाविहीन ,,बनायें तथा एक नए राष्ट्र का निर्माण करें..ओर मुल्लों के साथ साथ ,,अहिन्दुओं ,,तथा ,,वर्ण संकरों ,,को भी विदाई दे देँ ।
Posted on: Thu, 19 Sep 2013 03:04:56 +0000

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