हूँ मैं सेवक वीर सुभाष का आजाद सा मतवाला हूँ.... जो समझे तुम मुझको तो मैं शब्दों की मधुशाला हूँ....... इन्कलाब की शक्ति मुझको शब्दों में दर्शानी है .... ढूंढ रहा मैं वो मीरा जो कृष्ण की दीवानी है Rannvijay
Posted on: Sun, 01 Sep 2013 07:29:17 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015