RTI के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के अलावा सारे राजनैतिक दल इस निर्णय को कोसने में लगे हुए है, कोई भी पार्टी खुद को RTI के दायरे में नहीं रखना चाहती है. सिर्फ "आम आदमी पार्टी" ने इस फैसले का स्वागत किआ है. हर पार्टी ने इस मुद्दे पर अलग अलग और बेतुके बयान दे डाले है, शरद यादव ने तो यहाँ तक कह दिया कि राजनीतिक दल कोई परचूने की दूकान नहीं है. पार्टियों की आपत्तियां -सूचना आयोग का फैसला लोकतंत्र पर चोट है। -विरोधी पार्टी के कामकाज की जानकारी ले लेंगे। -पार्टियां किसी कानून पर गठित नहीं होतीं। इसलिए सार्वजनिक संस्थाएं नहीं कही जा सकतीं। -राजनीतिक दल सिर्फ अपने सदस्यों के प्रति जवाबदेह। -आरटीआइ कानून सरकारी दफ्तरों व संस्थाओं पर ही लागू होगा ____________ jagran/news/national-congress-disagree-with-cic-congress-10449370.html
Posted on: Wed, 05 Jun 2013 11:32:39 +0000
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