एक कहावत तो आप ने सुनी - TopicsExpress



          

एक कहावत तो आप ने सुनी होगी ' गरीब की बीवी सब की भाभी ' नगर निगम के शिक्षको की हालत भी कुछ ऐसी ही है . जब मन करता है cencus वाले कहते है cencus करो .और चुनाव वालो के तो हम स्थाई नौकर है . एक पैसा तो देते नहीं मगर जरा सी गलती होते ही नोकरी खाने की धमकी . और निगम का हाल ये है की अगर कोई झूटी शिकायत भी कर दे यहाँ से तो कानूनी परकारिया तो छोड़िये सीधी r .d .a . inquary कॉल कर देंगे मेमो या नोटिस तो देने की जरुरत ही क्या है . हम जो cencus और चुनाव का कार्य करते है वो हमारा व्यक्तिगत कार्य तो है नहीं . बिना पूरी जानकारी और साधनों के हमें छोड़ दिया जाता है पागल जनता के सामने। अब सबको संभालो और जनता का ये हाल है की सब खुद को अब केजरीवाल समझाने लगे है . जिसकी नजरो मैं सब सरकारी कर्मचारी चोर है , वो टीचर भी जो फ्री मैं अपनी जेब से पैसे खर्च करके ये ड्यूटी करता है . कल सनिवार तेरह तारीख को मेरे साथ ऐसा ही वाकिया घटित हुआ मैं अपने स्कुल मैं चुनाव का कार्य कर रहा था जिसमे लोगो से विभिन्न प्रकार के फॉर्म लेने थे और उनकी मदद करनी थी . एक अजीब सा व्यक्ति मेरे पास आया और कहा 6 फॉर्म दो . मैंने पुछा की भाई इतने फॉर्म का क्या करोगे तो उसने मुझे अपशब्द कहने सुरु करे दिए की तू फॉर्म दे फालतू मत बोल . मैंने चुप चाप 6 फॉर्म दे दिए . फिर बोल की फॉर्म no 6 भी दे मैंने पूछा की भाई किसका बनवाना है तो बोल 35 साल की महिला का मैंने पूछा भाई इतनी बड़ी औरत का पहले भी बना होगा वो कैंसिल करवा दिया न। वो कैंसिल स्लिप लगा देना . इतना ही बोल वो पागल हो गया और मुझे गली देना सुरु हो गया और फालतू की बहस करने लगा की तुम लोग हो क्या ( वाही केजरीवाल इफ़ेक्ट ) अभी तुझे ठीक करता हूँ . वो कई जगह फ़ोन करने लगा मैंने कहा की कर ले भाई . अचानक उसे क्या हुआ वो अपने मोबाइल से मेरी फोटो खीचने लगा . अब ये मेरी निजता का हनन था मैंने तुरंत कहा की मेरी फोटो delet करो उसने मना कर दिया . मैं उसका फ़ोन ले लिया और कहा की फ़ोन तभी मिलेगा जब मेरा फोटो delet होगा , उसने क्या किया सीधा अपने घर फ़ोन किया और पुलिस को फ़ोन कर दिया की मेरा फ़ोन चोरी कर लिया . उसके घर से सात आठ लोग आ गए और मैं अकेला . वो तो मरने ही आये थे मगर मेरा डील दॉल देख कर झिझक गए मगर खूबअपशब्दों का प्रयोग किया . 3 जिप्सी स्कुल मैं आ गई दस बारह पुलिस वाले . अब पुलिस का ड्रामा देखिये उन्हें ये पता नहीं की ये काम सरकारी है या प्राइवेट वो बोलने लगे की आप पर भी केस होगा और उस आदमी पर भी . मैंने उनके शैक्षिक स्तर को देखते हुए समझाया की भाई ये काम सरकारी है। तब जा कर उन्हें समझ मैं आया मैंने अपना वैयक्तिगत प्रभाव का भी प्रयोग किया तब जा कर पुलिस थोड़ी ठंडी हुई और उस आदमी को और उसके गुंडों को बहार निकल और समझोता करवा दिया . मैंने aero को फ़ोन किया तो महोदय ने कहा की भाई ये तो होता ही रहता है खुद देख लो . और पुलिस को फ़ोन कर दो बताओ ये वो ही चुनाव आयोग के अधिकारी है जो बात बात पर नोकरी खाने की धमकी देते है . मेरे लाख कहने पर भी aero महोदय नहीं आये . जब की सेण्टर पर tention थी . कितनी शर्म की बात है की लोक तंत्र का आधार चुनाव का कार्य टीचर अपनी जान का जोखिम मैं डाल कर रहा है . अकेला टीचर सेण्टर पर बैठता है कोई भाई आये कुछ भी करे और हम सिर्फ सुने . चुनाव आयोग की कोई जिम्मेदारी नहीं . और हमारा डिपार्टमेंट तो बस सिकायत हो जाये r .d .a . inquary तुरंत रेडी है . हमारा विभाग कभी पूछता है चुनाव आयोग से की जो आप बेगार करवाते हो हमारे टीचर्स से उनकी सुरक्षा के लिए कुछ आप ने किया है . नहीं बस शिकायत पर एक तरफ़ा कार्यवाही . अब देखते है की आगे क्या होता है वैसे aero को लिखित मैं तो दे दिया है . मगर पता नहीं की क्या होगा हम है ही ' गरीब की बीवी सब की भाभी '.शर्म शर्म और सिर्फ शर्म ............
Posted on: Sun, 14 Jul 2013 14:19:32 +0000

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