" जैसे चाहो लिखो, जो भी - TopicsExpress



          

" जैसे चाहो लिखो, जो भी शैली तुम्हें पसंद हो, अपना लो । बहुत ज़्यादा ख़ून बह चुका है इस बात पर कि सिर्फ एक ही रास्ता सही है । कविता में हर बात की इजाज़त है शर्त बस यही है तुम्हें बेहतर बनाना है कोरे पन्ने को । " प्रसिद्ध लातिनी अमेरिकी कवि निकानोर पार्रा ।
Posted on: Wed, 09 Oct 2013 10:33:15 +0000

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