पञ्च विकारों से ((काम, क्रोध,लोभ, मोह,अहंकार ये मनुष्य के पांच विकार बताये गए है )) ही इस भौतिक जगत के जड़ व चेतन सारे रिश्ते उपजते है फिर वो रिश्ता चाहे राग का हो या द्वेष का ... इन सबसे परे एक रिश्ता होता है 'ज्ञान का रिश्ता' , जिसकी डोर से आप गुरु से बंध जाते है .इन पञ्च विकारो की भस्माग्नि से उपजा ज्ञान का पथ गुरु की कृपा से ही सध पाना संभव है .. जिनके गुरु है,जिन्होंने गुरु धारण किया है, या धारण करना चाहते है, और जो गुरु की खोज में है ... उन सभी को गुरु पूर्णिमा की बहुत बहुत बधाई ....ईश्वर सबको स्वस्थ मुक्ति के मार्ग पर प्रशस्त करे ...!!!!!
Posted on: Mon, 22 Jul 2013 11:27:44 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015