ये कैसा कलयुग हैँ जाहं विधान सभा मेँ अश्लील फोटो देखने वाले , ताबुत चौर , तटिय सुरक्षा के लापरवाह , राघवजी विचार धारा , और कंधार के सुरमा हमेँ देशभक्ति सिखाते हैँ । ये तो वही बात हुई " लाला की दुकान मेँ आटा गीला हो गया तो लाला ने रोटी बेचनी शुरु कर दी "
Posted on: Mon, 07 Oct 2013 07:15:01 +0000
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