०५) इस संधि की शर्तों के - TopicsExpress



          

०५) इस संधि की शर्तों के अनुसार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकुल्लाह, रामप्रसाद विस्मिल जैसे लोग आतंकवादी थे और यही हमारे syllabus में पढाया जाता था बहुत दिनों तक तथा अभी कुछ समय पहले तक ICSE बोर्ड के किताबों में भगत सिंह को आतंकवादी ही बताया जा रहा था, वो तो भला हो कुछ लोगों का जिन्होंने नयायालय में एक केस किया और अदालत ने इसे हटाने का आदेश दिया है (ये समाचार मैंने इन्टरनेट पर ही अभी कुछ दिन पहले देखा था) | ०६) आप भारत के सभी बड़े रेलवे स्टेशन पर एक पुस्तक की दुकान देखते होंगे "व्हीलर बुक स्टोर" वो इसी संधि के नियमों के अनुसार है. ये व्हीलर कौन था ? ये व्हीलर सबसे बड़ा अत्याचारी था. इसने इस देश की हजारों माँ, बहन और बेटियों के साथ बलात्कार किया था. इसने किसानों पर सबसे अधिक गोलियां चलवाई थी. 1857 की क्रांति के पश्चात कानपुर के निकट बिठुर में व्हीलर व नील नामक दो अंग्रजों ने यहाँ के सभी 24 हजार लोगों को हत्या करवा दी थी चाहे वो गोदी का बच्चा हो अथवा मरणासन्न स्थिति में पड़ा कोई वृद्ध. इस व्हीलर के नाम से इंग्लैंड में एक एजेंसी प्रारंभ हुई थी तथा वही भारत में आ गयी. भारत स्वतंत्र हुआ तो ये समाप्त होना चाहिए था, नहीं तो कम से कम नाम में ही परिवर्तन कर देते. परन्तु वो परिवर्तित नहीं किया गया क्योंकि ये इस संधि में है | ०७) इस संधि की शर्तों के अनुसार अंग्रेज देश छोड़ के चले जायेंगे परन्तु इस देश में कोई भी नियम चाहे वो किसी क्षेत्र में हो परिवर्तित नहीं जायेगा | इसलिए आज भी इस देश में 34735 नियम वैसे के वैसे चल रहे हैं जैसे अंग्रेजों के समय चलता था | Indian Police Act, Indian Civil Services Act (अब इसका नाम है Indian Civil Administrative Act), Indian Penal Code (Ireland में भी IPC चलता है और Ireland में जहाँ "I" का अर्थ Irish है वहीँ भारत के IPC में "I" का अर्थ Indian है शेष सब के सब कंटेंट एक ही है, कोमा और फुल स्टॉप का भी अंतर नहीं है) Indian Citizenship Act, Indian Advocates Act, Indian Education Act, Land Acquisition Act, Criminal Procedure Act, Indian Evidence Act, Indian Income Tax Act, Indian Forest Act, Indian Agricultural Price Commission Act सब के सब आज भी वैसे ही चल रहे हैं बिना फुल स्टॉप और कोमा बदले हुए | ०८) इस संधि के अनुसार अंग्रेजों द्वारा बनाये गए भवन जैसे के तैसे रखे जायेंगे. नगर का नाम, सड़क का नाम सब के सब वैसे ही रखे जायेंगे. आज देश का संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, राष्ट्रपति भवन कितने नाम गिनाऊँ सब के सब वैसे ही खड़े हैं और हमें मुंह चिढ़ा रहे हैं. लार्ड डलहौजी के नाम पर डलहौजी नगर है , वास्को डी गामा नामक शहर है (वैसे वो पुर्तगाली था ) रिपन रोड, कर्जन रोड, मेयो रोड, बेंटिक रोड, (पटना में) फ्रेजर रोड, बेली रोड, ऐसे हजारों भवन और रोड हैं, सब के सब वैसे के वैसे ही हैं. आप भी अपने नगर में देखिएगा वहां भी कोई न कोई भवन, सड़क उन लोगों के नाम से होंगे | हमारे गुजरात में एक नगर है सूरत, इस सूरत में एक बिल्डिंग है उसका नाम है कूपर विला. अंग्रेजों को जब जहाँगीर ने व्यापार का लाइसेंस दिया था तो सबसे पहले वो सूरत में आये थे और सूरत में उन्होंने इस बिल्डिंग का निर्माण किया था | ये दासता का पहला अध्याय आज तक सूरत शहर में खड़ा है |
Posted on: Thu, 15 Aug 2013 13:43:21 +0000

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